टीवी से ग्रसित रोगियों को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
यदि आप टीवी रोग से ग्रस्त हो या आपके परिवार का कोई सदस्य टीबी का मरीज है तो आपको यह महत्वपूर्ण कार्य जरुर करने चाहिए।
पहला कार्य :- टीवी के संक्रमण को रोकने के लिए छिकते एवम खासते समय मुंह को रूमाल या मास्क से ढक कर रखना चाहिए इससे टीबी के बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं करेंगे
दूसरा कार्य :- खांसने व छींकने के पश्चात अपने हाथों को अवश्य साबुन से धोना चाहिए।
तीसरा कार्य:- मरीज को हमेशा हवादार व रोशनीदार कमरे में रखे खिड़कियां खुली हो।
चोथा कार्य %& यदि घर के किसी अन्य सदस्य को खांसी] बुखार] बलगम में खून या रात में पसीने आते हो या भूख कम लग रही हो तो तुरंत उसकी टीवी की जांच करवानी चाहिए क्योंकि ज्यादातर मामलों में टीवी के केस वही पाए जाते हैं जिस घर में पहले से कोई व्यक्ति टीबी की बीमारी से ग्रसित हो।
संक्रमण को रोकने के लिए जो कार्य आपको नहीं करना है उनमें सबसे पहला कार्य है खुले में ना थूके ना खांसे] रोगी के कमरे में हवा के शुद्ध प्रवाह को ना रोके
टीवी के मरीज के लिए आहार (पोषण)
टीवी के मरीज के लिए आहार पोषण टीवी की बीमारी की रोकथाम व उपचार के लिए पोषण व खानपान का विशेष महत्व है खानपान से टीवी के मरीज को स्वस्थ होने में बहुत मदद मिलती है।
टीवी के मरीज को प्रोटीन युक्त आहार देना चाहिए। जिसमें चावल रोटी अंकुरित आहार जिसमें दालें हरी सब्जियां पनीर अंडे मछली व मास यदि उपलब्ध हो तो ले सकते हैं। इसके साथ ही मौसमी फल भी काम में लेने चाहिए।
उपचार के प्रारंभ में उल्टी अथवा जी मिचलाना जैसी समस्या हो सकती है जो कि सामान्यता सभी मरीजों में होती है और यह दवाइयों के विपरीत प्रभाव के कारण होती है इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं दुष्प्रभाव के कारण आप स्वयं अपने स्तर पर दवाओं को बंद नहीं करें।
इसके साथ ही आपको नियमित भोजन को कभी भी रोकना या छोड़ना नहीं चाहिए
ज्यादा तैलीय व तेल युक्त बाहरी आहर ज्यादा मसालेदार भोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इलाज के दौरान कई बार दवाओं के दुष्प्रभाव व साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं। आपको उपचार के दौरान दवाओ से दुष्प्रभाव या बेचैनी हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही उपचार के दौरान पीलिया या अन्य प्रकार की अन्य बीमारी हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए कभी भी दुष्प्रभाव को छुपाना नहीं चाहिए।
उपचार के प्रारंभ में आपको ब्लड शुगर व एचआईवी की जांच जरूर करानी चाहिए। उपचार के दौरान यदि ब्लड शुगर की बीमारी है तो शुगर को कंट्रोल रखना चाहिए यह बहुत जरूरी है अन्यथा टीबी की बीमारी में संतोषजनक सुधार नहीं होगा। एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में टीबी व टीबी से संक्रमित व्यक्तियों को एचआईवी जांच करवाना जरूरी है क्योंकि दोनों ही बीमारियों में सीधा संबंध पाया जाता है साथ ही समय-समय पर फॉलोउप जाचेa करवाते रहें जिससे बीमारी की प्रगति का पता चलता रहेगा जब भी चिकित्सक को दिखाने जाएं अपनी उपचार पुस्तिका ट्रीटमेंट कार्ड साथ लेकर जरूर जाए चिकित्सक द्वारा दी गई दवाई नियमित एवं निश्चित अवधि लेवे।
इन सभी बातों का यदि आप ध्यान रखोगे तो टीबी की बीमारी को हरा पाओगे।
By
Jitendra Kataria